Monday, February 28, 2011

Betul Kee Khabar: विलुप्त कोरकू जनजाति की लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्...

Betul Kee Khabar: विलुप्त कोरकू जनजाति की लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्...: "विलुप्त कोरकू जनजाति की लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्ले से हो रही नसबंदीकोरकू बाहुल्य भीमपुर ब्लाक में पूरे नर्मदापूरम संभाग में नम्बर वन..."

Betul Kee Khabar: विलुप्त कोरकू जनजाति की लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्...

Betul Kee Khabar: विलुप्त कोरकू जनजाति की लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्...: "विलुप्त कोरकू जनजाति की लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्ले से हो रही नसबंदीकोरकू बाहुल्य भीमपुर ब्लाक में पूरे नर्मदापूरम संभाग में नम्बर वन..."

विलुप्त कोरकू जनजाति की लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्ले से हो रही नसबंदी कोरकू बाहुल्य भीमपुर ब्लाक में पूरे नर्मदापूरम संभाग में नम्बर वन







विलुप्त कोरकू जनजाति की लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्ले से हो रही नसबंदी
कोरकू बाहुल्य भीमपुर ब्लाक में पूरे नर्मदापूरम संभाग में नम्बर वन   
बैतूल,रामकिशोर पंवार: भारत की विलुप्त होती अनुसूचित जनजातियों में कोरकू जाति का भी उल्लेख किया गया है। कोरकू अनुसूचित जनजाति समुदाय मुख्य रूप से महाराष्ट्र के मेलघाट इलाके में पूर्व (खंडवा और बुरहानपुर) निमाड़, बैतूल और मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले और आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती हैं। यह महान मुंडा जनजाति की एक शाखा हैं। महान जनजाति-गोंड शुरू में नदी तापती के दोनों किनारों पर सतपुड़ा पर्वतमाला के जंगलों में एक शिकारी समुदाय के रूप में निवास करती है। घास और लकड़ी की बनी झोपडिय़ों के छोटे समूहों में जनजाति सदियो से रहती चली आ रही है। वर्ष 1981 की जनगणना के अनुसार पूरे प्रदेश में मात्र 66 हजार 781 कोरकू जनजाति के लोग शेष बचे थे जिसमें 46.42 प्रतिशत कार्यकर्ता हैं. इनमें से 48.38 प्रतिशत किसान हैं, 46.47 प्रतिशत कृषि, 2.30 प्रतिशत पशुओं, मछली पकडऩे के वानिकी, पालन, आदि शेष 2.85 प्रतिशत में लगे हुए हैं मजदूर हैं खनन और उत्खनन, घरेलू उद्योगों, निर्माण, व्यापार के रूप में विभिन्न अन्य व्यवसायों में लगे हुए हैं और वाणिज्य, आदि वे केवल 6.54 प्रतिशत की साक्षरता दर हासिल कर पाई हैं। साक्षरता का प्रतिशत भी कम चौकान्ने वाला नहीं हैं। इस समाज के मात्र 11.68 प्रतिशत पुरूष तथा 1.24 प्रतिशत महिला साक्षर है। अशिक्षा के अभाव के कारण इस भोली भाली अनुसूचित जनजाति के लोगो की बैतूल जिला प्रशासन के स्वास्थ विभाग द्वारा मात्र लक्ष्य पूर्ति के लिए धड़ल्ले से नसबंदी की जा रही है। कोरकू जनजाति बाहुल्य बैतूल जिले में इस समय कालापानी के नाम से मशहूर आदिवासी ब्लॉक भीमपुर में परिवार नियोजन को अपनाकर लक्ष्य हासिल करने ब्लॉक को अव्वल नम्बर पर हंै। ब्लॉक में 31 मार्च 2011 के लिए निर्धारित नसबंदी ऑपरेशन का लक्ष्य 20 जनवरी को पूरा हो चुका है। भीमपुर सहित प्रदेश के सिर्फ दो ब्लॉक ही इस अवधी में सौ फीसदी लक्ष्य हासिल कर पाए है। विकास और भौगोलिक संरचना की विषमताओं की वजह से आदिवासी ब्लॉक भीमपुर को कालापानी के नाम से जाना जाता है। बावजूद इसके क्षेत्र के तथाकथित आदिवासी अब जागरूक हो रहे है। बीएमओ डॉ रजनीश शर्मा ने बताया कि परिवार नियोजन के लिए शासन ने वर्ष 2010-2011 को परिवार कल्याण वर्ष घोषित किया था जिसके तहत भीमपुर ब्लॉक को एक अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2011 तक 1430 नसबंदी ऑपरेशन कराने का लक्ष्य मिला था। कोरकू बाहुल्य आदिवासी अंचल ने इस तथाकथित लक्ष्य को ढाई माह पहले ही हासिल कर लिया है। ब्लॉक में 20 जनवरी तक आयोजित 37 शिविरों में कुल 1448 नसबंदी ऑपरेशन हुए है। जिनमें 1391 महिलाएं एवं 57 पुरूष शामिल है। परिवार नियोजन भोपाल एवं नर्मदापुरम् संभाग में अव्वल आने पर भीमपुर ब्लॉक को पुरस्कार और प्रशस्तिपत्र से नवाजा गया है। सवाल यह उठता हैं कि पूरे संभाग में प्रथम आने वाले कोरकू अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बैतूल जिले के भीमपुर विकास खण्ड में कोरकू को छोड़ कर अन्य आदिवासी का प्रतिशत नगण्य हैं। ऐसे में ग्रामीण अचंलो में गरीब - लाचार  लोगो के साथ क्या प्रलोभन देकर या जबरिया नसबंदी नहीं करवाई गई ताकि लक्ष्य की खानापूर्ति कीह जा सके। जबसे ग्राम पंचायतो के सचिवो को एक माह में अनिवार्य रूप से दो लोगो की नसबंदी करवाने के लिए बाध्य किया जा रहा है वहां पर अन्य शासकीय कर्मचारियों के क्या हाल होगें। अपनी नौकरी बचाने के लिए पूरे जिले में ऐसे कई लाचार बेबस लोग मिल जायेगें जो कि स्वेच्छा से नसबंदी नहीं करवाये होगें।
सतपुड़ा की श्रेणी के पश्चिम भाग में विशेष रूप से महादेव पहाडिय़ों पर बसती है। बैतूल एवं छिन्दवाड़ा जिले में पाई जाने वाली इस विलुप्त होती जा रही जनजाति को कोरकू , मुण्डा , कोलेरियन जनजाति के नाम से भी जाना जाता हैं जो कोरबा की सजातीय हैं। 1901 की जनगणना में इसे कोरबा के साथ ही रख गया था। कोरकू का मतलब केवल पुरूष या आदिवासी पुरूष हैं। बैतूल जिले की भैसदेहीं एवं बैतूल तहसील में पाई जाने वाली इस जनजाति को भारत सरकार के आदिवासी जनजाित अनुसंधान विभाग द्वारा विलुप्त जनजाती की श्रेणी में रखा गया है। इस प्रकार की विलुप्त होती जा रही जनजाति के बैतूल जिले में बिना कलैक्टर की अनुमति के धड़ल्ले से नसबंदी आपरेशन होने से इस जनजाति के समाप्त होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। वैसे भी इस जनजाित में पुरूषों की संख्या कम होने के कारण  अविवाहित युवक अपनी ससुराल में लमझेना बन कर जाता हैं। तथा अपने ससुराल में रह कर अपने ससुर का दिल जीतने के बाद भी विवाह करता है। कसी भी तरह से लोभ - लालच में आकर ग्राम पंचायत के सरपंच , सचिव से लेकर फील्ड वर्क कर रहे शासकीय कर्मचारियों को नौकरी बचाने के लिए कुंवारे और बुढ़े बुर्जग तक को मोहरा बनाया जा रहा हैं। वेतन रोके जाने से शासकीय कर्मचारियों के द्वारा विलुप्त हो रही जनजाति को ही टारगेट में शामिल करके उनकी जबरिया नसबंदी किए जाने से पूरी जनजाति के अस्तित्व पर खतरा मंडरा गया है। भारत सरकार की ओर स्पष्ट निर्देश जारी किए जा चुके है कि ऐसी जनजाति की नसबंदी किसी स्ी सूरत में न की जाए लेकिन मात्र टारगेट के लिए टारगेट बनी कोरकू जनजाति कुछ साल बाद किताबों के पन्नो पर ही दिखाई देगी। जानकार सूत्रो ने बताया कि जिला प्रशासन से भयाक्रांत शासकीय कर्मचारियों को शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए हर प्रकार का लोभ - लालच दिया जा रहा है। इस काम में अब कोरकू बाहुल्य ग्राम पंचायतों के सरपंच , सचिव से लेकर फील्ड वर्क कर रहे शासकीय कर्मचारियों को नौकरी बचाने के लिए कुंवारे और बुढ़े बुर्जग तक को मोहरा बनाया जा रहा हैं। हम दो हमारे दो के स्लोगन ने शासकीय कर्मचारी को कहीं का नहीं छोड़ा हैं। परिवार नियोजन के कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग से लेकर सभी शासकीय विभाग जिसमें ग्राम पंचायत , स्कूली शिक्षा विभाग , महिला बाल विकास विभाग सजा की धमकी देने से भी नहीं चूक रहा है। जिले भर के शासकीय विभगो के प्रमुखो को जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशो में शासन की मंशा का ख्याल रखने को कहा हैं। अभी हाल ही में स्वास्थ विभाग द्वारा परिवार नियोजन कार्य में 70 प्रतिशत से कम लक्ष्य हासिल करने वाले आधा सैकड़ा कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है। साथ ही यह निर्देश दिए गए है कि यदि वे 70 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य पूर्ण नहीं करते हैं तो उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा। इस साल परिवार नियोजन कार्य को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है। यही कारण है कि इस कार्य की हर माह समीक्षा भी की जा रही है। फरवरी माह की समीक्षा जल्द की जाना है। यदि समीक्षा के दौरान किसी कर्मचारी की उपलब्घि कम पाई जाती है तो उसके खिलाफ दो वेतन रोकने की कार्रवाई भी विभाग द्वारा सुनिश्चित की गई है। साथ ही कठोर कार्रवाई की बात भी कही जा रही है। नसबंदी कार्यक्रम के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग को 16 हजार 300 का लक्ष्य निर्घारित किया गया है। जिसके तहत अभी तक 13 हजार 52 नसबंदी ऑपरेशन किए जा चुके है। लक्ष्य हासिल करने के लिए विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहित पंच एवं सचिवों की भी मदद ली जा रही है। वहीं कार्य में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने हितग्राहियों के लिए इनाम भी रखा गया है। लक्ष्य पूर्ति के लिए अपने को मिलने वाले रंगीन टीवी को भी लोग देने को तैयार है यदि कोई उनकी मदद करे। पहले कर्मचारियों को रंगीन टीवी विभाग की ओर से दिया जाला है लेकिन अब उन लोगो द्वारा गांव के नवयुवको को नई नवेली बीबी और रंगीन टीवी का आफर फासना पड़ रहा हैं। कुछ गांवों में तो ऐसे भी प्रसंग सुनने को मिल रहे हैं कि लक्ष्य की पूर्ति के लिए कुंवारों की नसबंदी की जा रही हैं। आमला तहसील मुख्यालय में एक कुंवारे युवक की नसबंदी की स्याही अभी सुख भी नहीं पाई हैं। जहां एक ओर ऐसे बदनामी के दौर में खासकर ऐसे आदिवासी युवको की जिन्हे रूपए - पैसे की जरूरत हैं तथा किन्ही कारणो से अविवाहीत भी है ऐसे गांव के युवको को कहा जा रहा हैं कि उन्हे अच्छी सुंदर बीबी भी दिलवा देगें यदि वे नसबंदी करवाते हैं। गांव के युवको को अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए यह भी समझाने का प्रयास किया जा रहा हैं कि उनकी शादी हो जाने के बाद उनकी सेहत एवं सेक्स क्षमता पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा तथा वे जब चाहे तब उस नसबंदी को पुन: जुड़वा भी सकते हैं। वही दुसरी ओर आदिवासी परिवार की कुंवारी लड़कियों के परिवार जनो को इस बात के लिए तैयार किया जा रहा हैं कि वे उनकी लड़की का मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत नि:शुल्क विवाह के अलावा उनके लिए दान -दहेज की भी व्यवस्था करवा देगें।  

Betul Kee Khabar: अपने पूरे एक साल के कार्यकाल के विज्ञापनों ने खोल ...

Betul Kee Khabar: अपने पूरे एक साल के कार्यकाल के विज्ञापनों ने खोल ...: "अपने पूरे एक साल के कार्यकाल के विज्ञापनों ने खोल दी जिला पंचायत अध्यक्ष की तथाकथित भ्रष्ट्र अधिकारियों को जेल भिजवा देनी की धमकीबैत..."

अपने पूरे एक साल के कार्यकाल के विज्ञापनों ने खोल दी जिला पंचायत अध्यक्ष की तथाकथित भ्रष्ट्र अधिकारियों को जेल भिजवा देनी की धमकी




अपने पूरे एक साल के कार्यकाल के विज्ञापनों ने खोल दी जिला पंचायत अध्यक्ष 
की तथाकथित भ्रष्ट्र अधिकारियों को जेल भिजवा देनी की धमकी
बैतूल, रामकिशोर पंवार: जिस ढंग से बैतूल जिले की पहली महिला जिला पंचायत अध्यक्ष एवं राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त श्रीमति लता राजू महस्की ने बीते पखवाड़े सम्पन्न हुई जिला पंचायत की बैठक में आर इ एस के इंजीनियरो को खुले आम धमकी दी थी कि यदि वह सोच लेगी तो जिस भी चाहेगी जिले के तथाकथित भ्रष्ट्राचारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मामले के दस्तावेजो को लेकर एफआईआर करवा देगी तो आर इ एस प्रभारी बानिया और मेघवाल दोनों आज ही जेल चले जाओगे। बैतूल जिले की प्रथम महिला जनप्रतिनिधि की इस सिंह गर्जना का जिले भर में स्वागत हुआ लेकिन इस तथाकथित धमकी की पोल उस समय खुल गई जब महिला जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति लता राजू महस्की ने जिले भर के सभी प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में पूरे पेज के अपने महिमा मंडित कार्यकाल के एक साल पूरे हो जाने की खुशी में लगभग चार लाख रूपए के विज्ञापन छपवा डाले। सभी समाचार पत्रों के पत्रकारों को आर इ एस प्रभारी श्री बानिया का नाम एवं पता तथा मोबाइल नम्बर देकर महिला जनप्रतिनिधि ने अपने आप को बैतूल के विकास पुरूष कहे जाने वाले स्वर्गीय विजय कुमार खण्डेलवाल के समकक्ष लाकर खड़ा कर दिया। बैतूल जिले के पिछड़े समाज से आने वाली एक छोटे से गांव के कटट्र इमानदार भाजपा नेता स्वर्गीय मानिकराव महस्की की पुत्रवधु ने अपने ससुर के निधन के मात्र डेढ़ साल भी पूरे नहीं हो सके समय के भीतर ही वह कार्य कर डाला कि लोग सन्न रह गए। इमानदार जनप्रतिनिधि के बदले एक तथाकथित ब्लेकमेलर जनप्रतिनिधि के रूप में ख्याति पाने वाली इस महिला जनप्रतिनिधि ने अपने पास मौजूद कथित दस्तावेजो का खुले आम सौदा करके आरईएस के कार्यपालन यंत्री केएस वानिया एवं पूर्व कार्यपालन यंत्री आर एस मेघवाल के खिलाफ आज दिनांक तक कोई शिकायत नहीं की और न ही किसी भी अधिकारी को जेल भिजवाया। महिला जनप्रतिनिधि द्वारा सार्वजनिक रूप से किसी दो जवाबदेह प्रशासनिक अधिकारियों को अपमानित करने के बजाय सीधे उनके खिलाफ लोकायुक्त या राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान में रिर्पोट दर्ज करवानी चाहिये थी ताकि हकीगत में दोनो उक्त अधिकारी जेल जा सके। विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस पार्टी ने भाजपा की महिला जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति लता राजू महस्की को चुनौती दी है कि यदि वे दोनो अधिकारियों को ब्लेकमेल नहीं कर रही है तो एक जागरूक नागरिक एवं प्रतिनिधि के नाते पुलिस में या लोकायुक्त में रिर्पोट दर्ज करवा कर अपनी नैतिक जवाबदेही का निर्वाहण करे। इन सब बातों को दरकिनार कर महिला जनप्रतिनिधि ने अपने पूरे एक साल के कार्यक्रम का पूरा पेज का रंगीन महिमा मंडित बखान छपवा कर अपनी कथनी और करनी में भिन्नता को सिद्ध कर दिया। कुछ चुनिंदा पत्रकारों के समक्ष अपना दुखड़ा बाटते हुए श्री केएस वानिया ने बातो ही बातो में जिला पंचायत अध्यक्ष के आरोपो की पोल खोल कर रख दी। श्री वानिया से हुई बातचीत के टेप के अनुसार पूरे विज्ञापनों का भुगतान पूर्व में ही कर दिया गया तब जाकर जान बची हुई है। श्री वानिया की तरह अनेक अधिकारियों से भी एक साल के पूरे हो जाने की खुशी में अध्यक्ष मैडम के निज सहायक गायकवाड़ ने घुम - घुम कर चंदा जमा किया। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनो पूर्व जिला मुख्यालय पर जिला योजना मंडल की बैठक में आरईएस विभाग की समीक्षा के दौरान आरईएस के कार्यपालन यंत्री केएस वानिया पर भड़कते हुए उक्त धमकी दी थी । थोड़ी देर के लिए तो बैठक में सन्नाटा ही छा गया लेकिन इसके बाद तो आरईएस को लेकर भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने ही आरोपों की झड़ी लगा दी। हाल ही में बैतूल से सीहोर तबादला होकर गए सीईओ बीएस जामोद को लेकर भी उन्हीं जनप्रतिनिधियों ने जमकर आरोप लगाए, जिनसे जामोद के बेहतर संबंध बताए जाते थे। जिले के अधिकांश निर्माण कार्यों के मूल्यांकन में सब इंजीनियर लापरवाही बरत रहे हैं। बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं हो रहा है। अधिकारी दफ्तरों से ही काम कर रहे हैं। फील्ड में कभी कोई सुध नहीं लेता। ऐसे कई आरोप भाजपा नेताओं ने जिला योजना समिति की बैठक में मध्यप्रदेश के वन मंत्री एवं बैतूल जिले के प्रभारी मंत्री सरताज सिंह के सामने अपनी ही सरकार के आला अफसरों पर लगाए। जिला पंचायत के सभा कक्ष में जिला योजना समिति की बैठक अधिकारियों के लिए परेशानी भरी साबित हुई थी। इस बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा पवार ने आरोप लगाए कि ग्राम पंचायत क्षेत्रों में हो रहे निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग और मूल्यांकन के लिए सबइंजीनियर नहीं पहुंचते। अधिकांश सबइंजीनियर टूर के नाम पर गायब रहते हैं। भाजपा के ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा पंवार ने तो महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में सब इंजीनियर और एसडीओ द्वारा कमीशन लिए जाने का आरोप लगाते हुए बताया कि बघोली बुजुर्ग से मालेगांव ग्रेवल सड़क निर्माण में रोलर चलाया ही नहीं और राशि निकाल ली गई। बैठक में मौजूद पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल ने यह कहा कि भ्रष्टाचार इंजीनियर, सब इंजीनियर, एसडीओ करते हैं और वसूली गरीब सरपंचों पर होती है। जबकि गड़बड़ी के लिए पूरी तरह से यह तकनीकी अधिकारी ही जिम्मेदार है। पिछले तीन साल में आरईएस द्वारा करवाए गए कार्यो की जांच को लेकर भी भाजपा के विधायक अलकेश आर्य और गीता उइके ने आवाज उठाई  लेकिन किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीु हुई।  जिला पंचायत अध्यक्ष को महिमा मंडित करते सभी भ्रष्ट्रचार को लेकर आरोप लगाने वाले भाजपा नेताओं के पूरे पेज भर रंगीन विज्ञापनों को छपवा कर अधिकाररियों ने आखिर भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों की कथनी और करनी को जगजाहीर कर दिया।  


Sunday, February 6, 2011

Betul Kee Khabar: मां तो ऐसी नहीं होती पंचायत के डर से उसने अपने चार...

Betul Kee Khabar: मां तो ऐसी नहीं होती पंचायत के डर से उसने अपने चार...: "मां तो ऐसी नहीं होती पंचायत के डर से उसने अपने चार बच्चों के साथ तालाब में कूद कर दे दी जान बैतूल, रामकिशोर पंवार : मां की ममता के कई उदाहरण..."

मां तो ऐसी नहीं होती पंचायत के डर से उसने अपने चार बच्चों के साथ तालाब में कूद कर दे दी जान

मां तो ऐसी नहीं होती
पंचायत के डर से उसने अपने चार बच्चों के साथ तालाब में कूद कर दे दी जान
बैतूल, रामकिशोर पंवार : मां की ममता के कई उदाहरण देखने को मिले है। किसी ने मां को ममता की मूर्ति कहा है तो किसी ने ममता की छांव। अपने बच्चों जरा सी खरोंच भी आ जाए तो वह शेरनी बन कर कूद पड़ती है। जिन आंखों में आंसू होते हैं, वह आंखे अचानक कैसे पथरा गई। एक मां अपने बेगुनाह मासूमों को लेकर डेम में कैसे कूद गई? उसने यह कदम क्यों उठाया? मां का ममतामयी चेहरा क्या इतना वीभत्स भी हो सकता है ? यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। यह तमाम सवाल अब लोगों के मन में उठने लगे हैं। उस मां ने इस सब बातों की चिंता तक नहीं की और एक ऐसी दर्दनाक घटना को जन्म दे दिया जिसको देख कर यह सवाल मन में उठने लगे हैं कि मां तो ऐसी नहीं होती है। कथित अनैतिक संबंध के आरोपो से दुखी एक मां ने ग्राम पंचायत में अपनी बदनामी के डर से पंचायत बैठने के पूर्व ही अपनी कोख से जन्मे चार बच्चों को लेकर तालाब में छलांग लगा ली। शराब ने एक बार फिर असर दिखाया और एक ही परिवार के पांच सदस्य उसकी बलि चढ़ गए। जब लाशे निकाली गई तो लोगो की आंखे फटी की फटी रह गई। रानी लक्ष्मी बाई की तरह कमर में अपने बेटो को बांध कर तालाब में कुद पड़ी महिला के साथ उसके मृत बच्चें भी लिपटे हुए थे। नेशनल हाइवे 69 के पास इंदिरा कॉलोनी निवासी दलित परिवार के सदस्य धांधू कोगे (40) ने बताया कि शनिवार को वह दोपहर बाद घर खाना खाने गया हुआ था। घर पर उसकी पत्नी कलावती कोगे (36) और गांव के ही एक आदमी के साथ कथित आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दी। जिसे देख बौखलाए धांधू ने दोनों की पिटाई कर दी। बाद में, रात को पूरे परिवार ने एक साथ भोजन किया और सो गए। धांधू की जब नींद खुली तो पत्नी और बच्चे बिस्तर पर नहीं थे। उसने गांव में उनकी तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चला। उसे लकड़ी बेचने वालों ने उसे बताया पाटानदी डेम के पास उन्होंने कुछ चप्पलें पड़ी देखीं। खबर मिलने पर धांधू कोगे भी बांध पर पहुंचा तो उसने अपनी बच्ची को पहचान लिया। धांधू ने किनारे पर तीन जोड़ी चप्पलें पड़ी देखा तो पत्नी कलावती और तीन बच्चों के पानी में डूबे होने की आशंका जताई। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से कलावती सहित तीनों बच्चों के शव भी पानी से निकलवाए। इस सूचना पर जब गांव के लोग बांध पर आए तो धांधू की लड़की साधना का शव तैरता दिखा। पत्नि  कलावती,अर्चना (12), साधना (12), प्रकाश (11) और आकाश (6) का शव पानी से निकाला। तालाब से निकाली गई महिला ने छोटे पुत्र आकाश को शाल से कमर में बांध रखा था। शवों को पोस्टमार्टम कर उन्हें परिजनों के हवाले कर दिया गया है। धांधू के बयान के आधार पर महिला के साथ संबंध बनाने वाले युवक पर मामला दर्ज किया जाएगा। मोहल्ले वालों ने बताया कि पत्नी के अवैध संबंधों से धांधू काफी नाराज था। वह इस पूरे मामले को लेकर पंचायत बैठाना चाहता था। उसने विवाद के दौरान उसने यही बात पत्नी से की थी। गांववालों का कहना है कि इसी डर से कलावती ने यह कदम उठाया। घटना का कारण पति-पत्नी में विवाद नजर आ रहा है। धांधू के बताए अनुसार गांव के ही अखिलेश के साथ उसने अपनी पत्नी को आपत्तिजनक स्थिति में देखा था। मृतका कलावती छोटी बहन कला बाई के अनुसार इनकी शादी को 18 वर्ष हो चुके हैं। इतने वर्षों में अवैध संबंधों वाली कोई बात सामने नहीं आई। यह तो सरासर बदनाम करने वाना आरोप है। जिसके चलते ही उसकी बहन ने उक्त दर्दनाक घटना को अजंाम दिया। कला बाई ने बताया कि उसकी बहन कला बाई अपने पति के साथ मजदूरी करती थी। यदि वह ऐसा करती तो पति को कब का छोड़ दी देती। धांधू के चारों बच्चे गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। परिजनों ने बताया कि धांधू और कलावती की जुड़वा बेटियां अर्चना और साधना गांव के मिडिल स्कूल में कक्षा छठवीं में पढ़ती थीं। जबकि प्रकाश 5 वीं और आकाश दूसरी कक्षा में पढ़ता था। धांधू के परिजन रविवार देर शाम पांचो शव आने के बाद गांव में लकडिय़ां लेने निकले तो कहीं एक ट्राली लकड़ी के 5 हजार तो कहीं 10 हजार रुपए की मांग की गई। परिवार के बसंत आठोले ने बताया कि उन्हें रात तक कोई मदद नहीं मिली थी। सप्ताह के पहले दिन आज सोमवार को सभी का अंतिम संस्कार किया गया। जिले में पहली बार हुई घटना ने सभी को सोचने पर विवश कर दिया कि पंचायत के डर से ऐसा भी हो सकता है...? इंदिरा कालोनी निवासी धांधू कोगे भी इस बात को स्वीकार करता है कि उसकी शादी हुए 18 साल हो गए हैं। दोनों पति-पत्नी मिलकर मजदूरी करते और घर चलाते थे। अभी तक उसकी पत्नि के किसी भी गैर व्यक्ति से अवैध संबंधों की उसे कोई जानकारी नहीं मिली थी। वह उस रोज ईंट बनाने का काम करने के लिए भट्टे पर गया था। दोपहर बाद जब वह घर आया तब उसने पत्नी और गांव के युवक को आपत्तिजनक स्थिति में देखा। उसने बताया कि शराब के नशे में उसने पत्नी को लाठी से पीटा। उक्त युवक को भी उसने लाठी से पीटा, इस दौरान वह भाग गया। इसके बाद काफी देर तक पत्नी से उसका विवाद होते रहा। रात को सभी ने पकवान बनाकर भी खाए थे। धांधू ने रोते हुए बताया कि उसे नहीं पता था कि पत्नी कलावती ऐसा भी कदम उठा लेगी। धांधू की पिटाई से घायल कलावती का सिर फूट गया था। शाम को धांधू ने पाढर के एक निजी डॉक्टर के पास उसका इलाज भी कराया था। बैतूल से लगभग 20 किलोमीटर दूर ग्राम पाढर के पास रविवार को पाठानदी बांध में गांव की एक महिला और उसके चार बच्चों के साथ सामूहिक आत्महत्या का मामला मानते हुए विवेचना शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार घटना के पीछे अवैध संबंध की बात सामने आ रही है।  कलावती और चार बच्चों की मौत के बाद पड़ोस में रहने वाले दुखी है।

Saturday, February 5, 2011

Betul Kee Khabar: जिला पंचायत अध्यक्ष के पास यदि कोई प्रमाण है तो एफ...

Betul Kee Khabar: जिला पंचायत अध्यक्ष के पास यदि कोई प्रमाण है तो एफ...: "जिला पंचायत अध्यक्ष के पास यदि कोई प्रमाण है तो एफ आई आर दर्ज करवाये सिर्फ धमकी देकर कहीं ब्लेकमेल तो नहीं कर रही है लता राजू महस्कीबैतूल, र..."

जिला पंचायत अध्यक्ष के पास यदि कोई प्रमाण है तो एफ आई आर दर्ज करवाये सिर्फ धमकी देकर कहीं ब्लेकमेल तो नहीं कर रही है लता राजू महस्की

जिला पंचायत अध्यक्ष के पास यदि कोई प्रमाण है तो एफ आई आर दर्ज करवाये
सिर्फ धमकी देकर कहीं ब्लेकमेल तो नहीं कर रही है लता राजू महस्की
बैतूल, रामकिशोर पंवार: बैतूल जिले की राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमति राजू महस्की का जिला पंचायत की बैठक में आर इ एस के इंजीनियरो को खुले आम धमका कि भ्रष्टाचार को लेकर यदि एफआईआर कराई जाए तो आप और मेघवाल दोनों आज ही जेल चले जाओगे। बैतूल जिले की प्रथम महिला जनप्रतिनिधि के पास यदि आरईएस के कार्यपालन यंत्री केएस वानिया एवं पूर्व कार्यपालन यंत्री आर एस मेघवाल के खिलाफ कोई साक्ष्य या प्रमाण है तो उन्हे किसी भी अधिकारी को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के बजाय सीधे उनके खिलाफ लोकायुक्त या राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान में रिर्पोट दर्ज करवानी चाहिये ताकि हकीगत में दोनो उक्त अधिकारी जेल जा सके। विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस पार्टी ने भाजपा की महिला जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति लता राजू महस्की को चुनौती दी है कि यदि वे दोनो अधिकारियों को ब्लेकमेल नहीं कर रही है तो एक जागरूक नागरिक एवं प्रतिनिधि के नाते पुलिस में या लोकायुक्त में रिर्पोट दर्ज करवा कर अपनी नैतिक जवाबदेही का निर्वाहण करे। उल्लेखनीय है कि हाल ही में बैतूल जिला मुख्यालय पर जिला योजना मंडल की बैठक में आरईएस विभाग की समीक्षा के दौरान आरईएस के कार्यपालन यंत्री केएस वानिया पर भड़कते हुए कही। थोड़ी देर के लिए तो बैठक में सन्नाटा ही छा गया लेकिन इसके बाद तो आरईएस को लेकर भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने ही आरोपों की झड़ी लगा दी। हाल ही में बैतूल से सीहोर तबादला होकर गए सीईओ बीएस जामोद को लेकर भी उन्हीं जनप्रतिनिधियों ने जमकर आरोप लगाए, जिनसे जामोद के बेहतर संबंध बताए जाते थे। जिले के अधिकांश निर्माण कार्यों के मूल्यांकन में सब इंजीनियर लापरवाही बरत रहे हैं। बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं हो रहा है। अधिकारी दफ्तरों से ही काम कर रहे हैं। फील्ड में कभी कोई सुध नहीं लेता। ऐसे कई आरोप भाजपा नेताओं ने जिला योजना समिति की बैठक में मध्यप्रदेश के वन मंत्री एवं बैतूल जिले के प्रभारी मंत्री सरताज सिंह के सामने अपनी ही सरकार के आला अफसरों पर लगाए। जिला पंचायत के सभा कक्ष में जिला योजना समिति की बैठक अधिकारियों के लिए परेशानी भरी साबित हुई। प्रभारी मंत्री सरताज सिंह ठीक 11 बजे सभाकक्ष में पहुंच गए थे, इस समय तक अधिकांश विभाग प्रमुख सभा कक्ष में नहीं पहुंच पाए थे। अधिकारियों का इंतजार करने के लिए प्रभारी मंत्री सीईओ के चैंबर में जाकर बैठ गए। मौजूद अधिकारियों ने अन्य अधिकारियों को फोन पर बुलावा भेजा। भागते-दौड़ते अधिकारी साढ़े 11 बजे तक सभाकक्ष में पहुंचे, तब कहीं जाकर बैठक शुरू हो पाई। पाले से प्रभावित फसलों के सर्वे और मुआवजे की समीक्षा के दौरान उस वक्त माहौल गर्मा गया जब नेताओं ने कहा कि किसानों को सर्वे की जानकारी नहीं मिल रही है। चेक देते समय उसे यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि कितने क्षेत्र की फसल को सर्वे में शामिल किया गया है और किस आधार पर मुआवजा तय हुआ है। किसी भी अधिकारी ने क्षेत्र में जाकर सर्वे की मॉनिटरिंग नहीं की। यही कारण है कि किसानों की फसल का आधा-अधूरा मूल्यांकन हो रहा है। इस पर प्रभारी मंत्री ने नाराजगी जताई। जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा पवार ने आरोप लगाए कि ग्राम पंचायत क्षेत्रों में हो रहे निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग और मूल्यांकन के लिए सबइंजीनियर नहीं पहुंचते। अधिकांश सबइंजीनियर टूर के नाम पर गायब रहते हैं। भाजपा के ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा पंवार ने तो महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में सब इंजीनियर और एसडीओ द्वारा कमीशन लिए जाने का आरोप लगाते हुए बताया कि बघोली बुजुर्ग से मालेगांव ग्रेवल सड़क निर्माण में रोलर चलाया ही नहीं और राशि निकाल ली गई। बैठक में मौजूद पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल ने यह कहा कि भ्रष्टाचार इंजीनियर, सब इंजीनियर, एसडीओ करते हैं और वसूली गरीब सरपंचों पर होती है। जबकि गड़बड़ी के लिए पूरी तरह से यह तकनीकी अधिकारी ही जिम्मेदार है। पिछले तीन साल में आरईएस द्वारा करवाए गए कार्यो की जांच को लेकर भी भाजपा के विधायक अलकेश आर्य और गीता उइके ने आवाज उठाई तो बाकी सभी ने इसका समर्थन किया। इस पर पालक मंत्री सरताज सिंह ने यह कहा कि आगामी 17 फरवरी को आरईएस को लेकर ही फिर बैठक में सभी जनप्रतिनिधि क्षेत्र की दो-दो सड़कों की जानकारी देंगे।इ सकी जांच भोपाल के दल द्वारा की जाएगी। बैठक में भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने विद्युत कंपनी की कार्यप्रणाली पर भी जमकर आक्रोश जाहिर किया। जिसमें शार्टेज के आधार पर किसानों से जबरन वसूली की बात भी कहीं गई। वहीं 14 नए सब स्टेशनों का काम धीमी गति से चलने पर भी नाराजगी जाहिर की।इस पर जिला भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने टिप्पणी की कि यहां जो कमाई हो रही है उससे भोपाल में बंगले बन रहे हैं। आरईएस और पीडब्ल्यूडी के सबइंजीनियरों की कार्यशैली को लेकर विधायकों ने भी जमकर खिंचाई की।पीएचई और पीडब्ल्यूडी के निर्माण कार्यों को लेकर जनप्रतिनिधियों के आक्रोश को देखकर प्रभारी मंत्री सरताजसिंह ने कहा कि प्रत्येक ब्लाक की दो-दो सड़कों की जांच कराई जाएगी। निर्माण कार्यों की समीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की बैठक शीघ्र ही होगी। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष लता राजू महस्की, विधायक अलकेश आर्य, चैतराम मानेकर, गीता उइके, सहकारी बैंक अध्यक्ष बसंत माकोड़े, ग्रामीण कृषि विकास बैंक अध्यक्ष सदन आर्य समेत अन्य जनप्रतिनिध एवं अधिकारी मौजूद थे।

Wednesday, February 2, 2011

आजतक के स्ट्रींग आपरेशन ने पसारा गांव में खौफ का सन्नाटा निरगुड़ में अंध श्रद्धा समिति ने दो हजार लोगो के बीच कथित दहशत की $खबर की पोल खोली

आजतक के स्ट्रींग आपरेशन ने पसारा गांव में खौफ का सन्नाटा
निरगुड़ में अंध श्रद्धा समिति ने दो हजार लोगो के बीच कथित दहशत की $खबर की पोल खोली
बैतूल जिले की मुलताई तहसील की ग्राम पंचायत निरगुड में किसी भी प्रकार के खौफ - भूत प्रेत - बाधा या सन्नाटा पसर जाने की आजतक न्यूज चैनल पर प्रसारित $खबर का अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति और उससे जुड़े लोगो ने खंडन किया है। ग्राम पंचायत की महिला सरपंच श्रीमति पूनम एवं सचिव नकुल भी इस तरह की अफवाहों को नकारते हुये ग्राम में दो हजार लोगो के बीच कथित खौफ एवं सन्नाटे को झुठ का पुलिंदा बताते है। ग्राम के सचिव नकुल के अनुसार कुछ लोगो द्वारा गांव की एक जमीन को लेकर होने वाले सौदे के अचानक निरस्त हो जाने के बाद से उक्त जमीन को लेकर ऐसी अफवाह टीवी चैनल एवं न्यूज पेपर के माध्यम से प्रसारित एवं प्रकाशित करके गांव के सीधे - साधे ग्रामिणो में अंधविश्वास को पैदा कर रहे है। सचिव नकुल का तो सीधा आरोप है कि ग्राम के बारे में प्रसाति आजतक की खबर प्रायोजित एवं किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए प्रसारित की गई है। नकुल ने आजतक न्यूज चैनल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने की बात करते हुए कहा कि गांव का शांतप्रिय माहौल मे भूत - प्रेत - किसी प्रकार बाधा की आड़ में खौफ पैदा किया गया है। सचिव के अनुसार वह स्वंय अपने गांव के खेत में प्रतिदिन रात्री नौ बजे जाता रहता है। देर रात्री तक खेतो सब्जी - भाजी तथा गेहूं की फसल को पानी देने के बाद वह देर रात्री तक लौटता है लेकिन गांव में किसी भी प्रकार का कोई डर या खौफ का सन्नाटा नहीं है। आजतक पर खबर प्रसातिर होने के बाद पडौसी राज्य महाराष्ट्र मे कार्यरत अनिस संस्था के पदाधिकारियो ने भी देर रात्री तक डेरा डाल कर लोगो को किसी भी प्रकार से गुमराह न होने एवं प्रेत बाधा के खौफ न डरने की सलाह भी दी। अंध श्रद्धा र्निमूलन समिति के पदाधिकारियों के साथ गांव की महिला सरपंच एवं सचिव ने भी लोगो को इस फर्जीवाड़े से जागृत करवाया। बैतूल जिले में इसके पूर्व भी आजतक पर ऐसी कई प्रायोजित ख़बरे प्रसारित हुई जिससे जिले की छबि धुमिल हुई है। अनिस का दावा है कि बैतूल जिले में महज सनसनी और डर पैदा करने के लिए कुछ लोगो की कमाई का माध्यम बने आजतक न्यूज चैनल के रिर्पोटर द्वारा बिरजू के नमक खाने से लेकर दर्जनो ऐसी खबरे मात्र सनसनी फैलाने की नीयत से प्रसारित की है। गांव के सरपंच एवं सचिव ने दावा किया है कि कोई भी गांव में आकर सच्चाई को जान सकता है कि गांव के दो हजार लोगो में किस प्रकार का खौफ है।