Sunday, February 6, 2011

मां तो ऐसी नहीं होती पंचायत के डर से उसने अपने चार बच्चों के साथ तालाब में कूद कर दे दी जान

मां तो ऐसी नहीं होती
पंचायत के डर से उसने अपने चार बच्चों के साथ तालाब में कूद कर दे दी जान
बैतूल, रामकिशोर पंवार : मां की ममता के कई उदाहरण देखने को मिले है। किसी ने मां को ममता की मूर्ति कहा है तो किसी ने ममता की छांव। अपने बच्चों जरा सी खरोंच भी आ जाए तो वह शेरनी बन कर कूद पड़ती है। जिन आंखों में आंसू होते हैं, वह आंखे अचानक कैसे पथरा गई। एक मां अपने बेगुनाह मासूमों को लेकर डेम में कैसे कूद गई? उसने यह कदम क्यों उठाया? मां का ममतामयी चेहरा क्या इतना वीभत्स भी हो सकता है ? यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। यह तमाम सवाल अब लोगों के मन में उठने लगे हैं। उस मां ने इस सब बातों की चिंता तक नहीं की और एक ऐसी दर्दनाक घटना को जन्म दे दिया जिसको देख कर यह सवाल मन में उठने लगे हैं कि मां तो ऐसी नहीं होती है। कथित अनैतिक संबंध के आरोपो से दुखी एक मां ने ग्राम पंचायत में अपनी बदनामी के डर से पंचायत बैठने के पूर्व ही अपनी कोख से जन्मे चार बच्चों को लेकर तालाब में छलांग लगा ली। शराब ने एक बार फिर असर दिखाया और एक ही परिवार के पांच सदस्य उसकी बलि चढ़ गए। जब लाशे निकाली गई तो लोगो की आंखे फटी की फटी रह गई। रानी लक्ष्मी बाई की तरह कमर में अपने बेटो को बांध कर तालाब में कुद पड़ी महिला के साथ उसके मृत बच्चें भी लिपटे हुए थे। नेशनल हाइवे 69 के पास इंदिरा कॉलोनी निवासी दलित परिवार के सदस्य धांधू कोगे (40) ने बताया कि शनिवार को वह दोपहर बाद घर खाना खाने गया हुआ था। घर पर उसकी पत्नी कलावती कोगे (36) और गांव के ही एक आदमी के साथ कथित आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दी। जिसे देख बौखलाए धांधू ने दोनों की पिटाई कर दी। बाद में, रात को पूरे परिवार ने एक साथ भोजन किया और सो गए। धांधू की जब नींद खुली तो पत्नी और बच्चे बिस्तर पर नहीं थे। उसने गांव में उनकी तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चला। उसे लकड़ी बेचने वालों ने उसे बताया पाटानदी डेम के पास उन्होंने कुछ चप्पलें पड़ी देखीं। खबर मिलने पर धांधू कोगे भी बांध पर पहुंचा तो उसने अपनी बच्ची को पहचान लिया। धांधू ने किनारे पर तीन जोड़ी चप्पलें पड़ी देखा तो पत्नी कलावती और तीन बच्चों के पानी में डूबे होने की आशंका जताई। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से कलावती सहित तीनों बच्चों के शव भी पानी से निकलवाए। इस सूचना पर जब गांव के लोग बांध पर आए तो धांधू की लड़की साधना का शव तैरता दिखा। पत्नि  कलावती,अर्चना (12), साधना (12), प्रकाश (11) और आकाश (6) का शव पानी से निकाला। तालाब से निकाली गई महिला ने छोटे पुत्र आकाश को शाल से कमर में बांध रखा था। शवों को पोस्टमार्टम कर उन्हें परिजनों के हवाले कर दिया गया है। धांधू के बयान के आधार पर महिला के साथ संबंध बनाने वाले युवक पर मामला दर्ज किया जाएगा। मोहल्ले वालों ने बताया कि पत्नी के अवैध संबंधों से धांधू काफी नाराज था। वह इस पूरे मामले को लेकर पंचायत बैठाना चाहता था। उसने विवाद के दौरान उसने यही बात पत्नी से की थी। गांववालों का कहना है कि इसी डर से कलावती ने यह कदम उठाया। घटना का कारण पति-पत्नी में विवाद नजर आ रहा है। धांधू के बताए अनुसार गांव के ही अखिलेश के साथ उसने अपनी पत्नी को आपत्तिजनक स्थिति में देखा था। मृतका कलावती छोटी बहन कला बाई के अनुसार इनकी शादी को 18 वर्ष हो चुके हैं। इतने वर्षों में अवैध संबंधों वाली कोई बात सामने नहीं आई। यह तो सरासर बदनाम करने वाना आरोप है। जिसके चलते ही उसकी बहन ने उक्त दर्दनाक घटना को अजंाम दिया। कला बाई ने बताया कि उसकी बहन कला बाई अपने पति के साथ मजदूरी करती थी। यदि वह ऐसा करती तो पति को कब का छोड़ दी देती। धांधू के चारों बच्चे गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। परिजनों ने बताया कि धांधू और कलावती की जुड़वा बेटियां अर्चना और साधना गांव के मिडिल स्कूल में कक्षा छठवीं में पढ़ती थीं। जबकि प्रकाश 5 वीं और आकाश दूसरी कक्षा में पढ़ता था। धांधू के परिजन रविवार देर शाम पांचो शव आने के बाद गांव में लकडिय़ां लेने निकले तो कहीं एक ट्राली लकड़ी के 5 हजार तो कहीं 10 हजार रुपए की मांग की गई। परिवार के बसंत आठोले ने बताया कि उन्हें रात तक कोई मदद नहीं मिली थी। सप्ताह के पहले दिन आज सोमवार को सभी का अंतिम संस्कार किया गया। जिले में पहली बार हुई घटना ने सभी को सोचने पर विवश कर दिया कि पंचायत के डर से ऐसा भी हो सकता है...? इंदिरा कालोनी निवासी धांधू कोगे भी इस बात को स्वीकार करता है कि उसकी शादी हुए 18 साल हो गए हैं। दोनों पति-पत्नी मिलकर मजदूरी करते और घर चलाते थे। अभी तक उसकी पत्नि के किसी भी गैर व्यक्ति से अवैध संबंधों की उसे कोई जानकारी नहीं मिली थी। वह उस रोज ईंट बनाने का काम करने के लिए भट्टे पर गया था। दोपहर बाद जब वह घर आया तब उसने पत्नी और गांव के युवक को आपत्तिजनक स्थिति में देखा। उसने बताया कि शराब के नशे में उसने पत्नी को लाठी से पीटा। उक्त युवक को भी उसने लाठी से पीटा, इस दौरान वह भाग गया। इसके बाद काफी देर तक पत्नी से उसका विवाद होते रहा। रात को सभी ने पकवान बनाकर भी खाए थे। धांधू ने रोते हुए बताया कि उसे नहीं पता था कि पत्नी कलावती ऐसा भी कदम उठा लेगी। धांधू की पिटाई से घायल कलावती का सिर फूट गया था। शाम को धांधू ने पाढर के एक निजी डॉक्टर के पास उसका इलाज भी कराया था। बैतूल से लगभग 20 किलोमीटर दूर ग्राम पाढर के पास रविवार को पाठानदी बांध में गांव की एक महिला और उसके चार बच्चों के साथ सामूहिक आत्महत्या का मामला मानते हुए विवेचना शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार घटना के पीछे अवैध संबंध की बात सामने आ रही है।  कलावती और चार बच्चों की मौत के बाद पड़ोस में रहने वाले दुखी है।

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