Saturday, January 29, 2011

बैतूल जिले की सुरक्षा को हो सकता है खतरा.....! एक माइकल हेडली बैतूल जिले में भी


       बैतूल जिले की सुरक्षा को हो सकता है खतरा.....!  एक माइकल हेडली बैतूल जिले में भी
                                       बैतल से रामकिशोर पंवार की खास रिर्पोट
बैतूल. अखण्ड भारत का मध्य बिन्दु कहे जाने वाले सेन्टर पाइंट बरसाली मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट का सीमावर्ती बैतूल जिले का ण्क छोटा सा गांव है. भारत के मध्य नागपुर - भोपाल के बीच में आने वाले प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में कभी भी कोई बडा हादसा हो जाये तो इसे कोई आश्चर्यचकित कर देने वाली घटना नहीं मानना चाहिये....! जिस बैतूल जिले के भारत सरकार सेफ जोन मानकर यहां पर आमला एयरफोर्स स्टेशन बनाने के बाद आठनेर मे प्रुफ रेंज बनाने जा रही है. जिस बैतूल जिले में कभी दिल्ली को लाने की तैयारी चल रही थी आज उसी बैतूल जिले की सुरक्षा पर एक नहीं कई बडे खतरे मंडराने लग गये है. बैतूल जिले में कोल इंडिया की पाथाखेडा स्थित कोयला खदानो के अलावा मध्यप्रदेश सतपुडा ताप बिजली घर की इकाई कार्यरत है. आतंरिक सुरक्षा की दृष्टि से बैतूल जिले में इस समय विदेशियो की जिस ढंग से आवाभगत हो रही है तथा चोपना पुर्नवास क्षेत्र में बंग्लादेशी घुसपैठियों की बसाहट उससे यह लगता है कि बैतूल जिले में एक नहीं दर्जनो माइकल हेडली जिले के सेफ जाने कहे जाने वाले राष्टीय एवं प्रदेश की अनमोल संपदा की रेकी क उसकी सुरक्षा व्यवस्था पर कोई बडा हादसा को जन्म दे सकते है. बैतूल जिले मंे एक अमेरिकी नागरिक को आमला एयरफोर्स स्टेशन की ओर से दो- तीन बार चेतावनी पत्र भी जारी हो चुके है कि वह अपने स्वंय के नीजी प्लेन को लेकर वायु सीमा क्षेत्र के उपर से उडान न भरे. इसी तरह की आशंका सारनी ताप बिजली घर एवं पाथाखेडा कोयला खदान क्षेत्र की ओर से भी आशंका व्यक्त की जा चुकी है लेकिन बैतूल जिले में छै मास के अस्थायी वीजा पर लगभग बीते दो दशक से अधिक समयावधि से  रह रहे अमेरिकी नागरिक सैम वर्मा को पहले दोहरी नागरिकता थी लेकिन भारत की कई बैंको से दिवालिया घोषित होने के बाद भारतीय नागरिक को ठुकरा कर अब छै - छै मास के अस्थायी वीजा परमीट पर रह कर बैतूल जिले के राजनैतिक - सामाजिक - सांस्कृतिक - धार्मिक - आर्थिक एवं विकास की योजनाओं में हस्तक्षेप करने वाले इस अमेरिकी नागरिकी द्वारा जानबु कर भारतीय संविधान एवं कानून का मजाक उडाने के बाद अब उसके द्वारा विदेशी डाक्टरो की टीम को बुलवा कर उनसे कथित उपचार के बहाने उन्हे जिले का पूरा सामाजिक - आर्थिक - सुरक्षात्मक मानचित्र को दिखाया जा रहा है जो कि आगे चल कर किसी भी बडी घटना को अंजाम दे सकता है. राज्य एवं केन्द्र सरकार की खुफिया नजरो से बचने के लिए इस विदेशी नागरिक द्वारा अपने राजनैतिक संबधो को भुना कर उसका समय - समय पर फायदा उठाया जा रहा है. नागपुर - भोपाल फोर लेन का मार्ग बदलने की बात हो या फिर प्रदेश सरकार के स्वास्थ विभाग के बजट का पैसा अपनी मां के नाम पर तथाकथित इलाज करवाने के नाम पर खर्च करने की वह इन सब में महारथ हासील किये हुये है. पहले तो प्रदेश की भाजपा सरकार के मंत्रियो एवं अफसरो को इस जालसाज - दगाबाज विदेशी से चीढ1 थी लेकिन अब वे सब के सब इस विदेशी की मां की कथित याद मे बने मंदिर में मत्था टेकने चले आते है. पंखा के बाद पूरे देश में कई वेयर वेल जैसी टायर फैक्टरी खोलने के बाद स्वंय को दिवालिया घोषित करने वाले इस अमेरिकी नागरिक के भारत के किसी भी बैंक में खाते नहीं है और वह लाखो रूपयो की मंदिर में आने वाली चढौती एवं दुकानो के किराये के रूप में आने वाली भारतीय मुद्रा से अपना खर्च ही नहीं चला रहा बल्कि ढाई से तीन दर्जन से अधिक लठैतो का गिरोह बना रखा है जो भी उसके खिलाफ आवाल उठाता है उसकी वह जान तक लेने के लिए तैयार रहता है. सपा के पूर्व विधायक डा सुनीलम पर पंखा के पास जान लेवा हमला इस बात का प्रमाण है. बैतूल जिले में इस समय आमला एयरफोर्स एवं आठनेर में प्रस्तावित प्रुफ रेंज एरिया देश की सुरक्षा से जुडे हुये है. जिले की सीमा से लगे ताकु - केसला प्रुफ रेंज एरिया भी बैतूल जिले की सीमा से लगे है. ऐसे में विदेशी डाक्टरो को अपने नीजी छै सीट वाले छोटे गरूड प्लेन से इन क्षेत्रो के ऊपर से कथित सैर करवाना - रेकी करवाना या आना - जाना करना किसी बडी घटना या हादसे को जन्म दे सकता है , लेकिन जब बैतूल जिले के प्रभारी एवं वनमंत्री सरताज सिंह को ंिचंता नहीं तो फिर जिले के प्रशासन के आला अफसर क्यों सिरदर्द पाले...! बैतूल जिले मंे इस समय पाढर हास्पीटल और कथित चलित बालाजी हास्पीटल में विदेशी चिकित्सको का आना - जाना लगा रहता है लेकिन पाढर पुलिस चौकी तथा बैतूल बाजार थाने को सह तक नहीं मालूम की कब कौन आया और चला गया. बैतूल जिले की पुलिस पत्रकारो की पूरी जन्म कुण्डली तैयार करके रखी हुई है लेकिन उसे भी यह बता नहीं कि चोपना पुर्नवास क्षेत्र मंे बसाहट के बाद कितने परिवारो की संख्या बढी है तथा वे कब आये और उन्हे कैसे भारतीय नागरिकता मिल गई....! बैतूल जिले की पुलिस को आज दिनांक तक यह नही मालूम की अमेरिकी नागरिक माइकल हेडली द्वारा की गई कथित रेकी क्या होती है....! जिस जिले का मुखिया पुलिस एवं प्रशासन का अपने सारे काम - धाम छोड कर एक डिफाल्टर घोषित हो चुके अमेरिकी नागरिक के आगे - पीछे दुम हिलाते फिरते हो वहां पर किसी से भी बैतूल जिले की आतंरिक सुरक्षा की बात करना बेमानी होगा. आज भोपाल नागपुर नेशनल हाइवे 69 पर स्थित बैतूल बाजार का अमेरिकी नागरिक द्वारा बनवाया गया रूक्मिणी बालाजी मंदिर , पाढर स्थित इसाई मिशनरी का पाढर हास्पीटल , शाहपुर के समीप स्थित चोपना पुर्नवास क्षेत्र में बेखौफ विदेशी आ जा रहे है लेकिन प्रशासन को इस बात की कतई ंिचंता नहीं कि पर्यटन दृष्टि से बैतूल जिले में देखने लायक जब कोई एतिहासिक - पौराणिक - अदभुत - चमत्कारिक कोई स्थान या क्षेत्र नहीं है तब आखिर बैतूल जिले में बेखौफ विदेशी आकर क्या कर रहे है. बंग्लादेश की सीमा से वैसे भी पाकीस्तान के आतंकवादियो की घुसपैठ किसी से छुपी नहीं है इसके बाद भी बैतूल जिले में आकर भाजपा शासन काल में बस रहे बंग्लादेशी हिन्दुओं की भीड में क्या संभव नही है कि विदेशी आतंकवादी भी आ कर बैतूल जिले में मुम्बई जैसा कोई धमाका कर जाये...! वैसे भी बैतूल जिले से लगा बुराहनपुर मुस्लीम आतंकवाद संगठन सिमी का प्रभाव का क्षेत्र रहा है ऐसे में भाजपा सरकार के राज्य में आतंकवाद की कोई भी घटना को बेरोक - टोक आने - जाने की छुट का फायदा उठा कर अंजाम देना कोई नहीं घटना नहीं हो सकती....! वैसे भी बैतूल जिले में एक अमेरिकी नागरिक भारतीय कानून का मजाक तो कई बरसो से उडा रहा है इसलिए वह बैतूल जिला प्रशासन की आंखो के सामने 26 जनवरी को 27 जनवरी को मना कर यह बताना चाहता है कि वह किस बला का नाम है....!
इसे बैतूल जिले का दुर्रभाग्य कहा जाये कि जिस अमेरिकी नागरिक पर उसके जन्मस्थान के स्वजाति एवं गैर स्वजाति लोगो का भरोसा नहीं रहा तब बैतूल जिला प्रशासन आखिर उस पर आंख मंुद कर कैसे भरोसा कर रहा है कि वह बैतूल जिले में ऐसा कोई भी काम नहीं कर रहा है जो कि देशद्रोह की श्रेणी में नहीं आता है. जिस व्यक्ति के चाल - चरित्र और चेहरे पर उसके ही गांव के लोगो को यकीन नहीं उसके आगे - पीछे घुमने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार और उसके मंत्री यहां तक की संगठन के लोग कहा करते थे कि कांग्रेस के पूर्व केन्द्रीय मंत्री अर्जून सिंह की नजदीकी का वह फायदा उठा रहा है आज पूरी भाजपा सत्ता और संगठन उसी अमेरिकी नागरिक के सामने नतमस्तक है यह समझ के परे की बात है. बैतूल जिले के गांवो में कुपोषण से कई बच्चो एवं महामारी से लोगो की मौते हो गई लेकिन वहां सुविधा पहुंचाने के लिए स्वास्थ विभाग के पास बजट नहीं और एक विदेशी अमेरिकी नागरिक के लिए प्रदेश की सरकार कथित स्वास्थ सेवा के नाम पर मेला लगा रही है जिसमें बैतूल जिले के बाहर के लोग कथित इलाज करवा रहे है. जिस व्यक्ति की नीयत के चलते उसके गांव के ही लोग उसे उसकी मां की याद में बने मंदिर परिसर से लगी जमीन देने को तैयार नहीं उसे प्रदेश की सरकार अब बालाजी हास्पीटल बनवाने के लिए जमीन देगी. अब इसी बात से यह अदंाज लगाया जा सकता है कि प्रदेश की सरकार आस्तीन में सांप पाल रही है या नहीं....!  भगवान न करे यदि बैतूल जिले में किसी भी प्रकार की कोई आंतकवादी या राष्ट विरोधी घटना को अंजाम मिलता है तो इसके लिए कोई व्यक्ति विशेष जिम्मेदार न होकर पूरी भाजपा सरकार - संगठन - और प्रशासन होगा....!


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