Thursday, January 27, 2011

देश - प्रेम की मिसाल है बैतूल जिले का ग्राम अंधारिया तीनो सेनाओं में कार्यरत है गांव के युवक - युवतियां


देश - प्रेम की मिसाल है बैतूल जिले का ग्राम अंधारिया
 तीनो सेनाओं में कार्यरत है गांव के युवक - युवतियां
बैतूल : मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले की आमला तहसील का अंधारिया ग्राम पूरे देश भर में एक मिसाल है अपने देश - प्रेम के लिए।  बैतूल जिले के इस ग्राम में रहने वाले हर परिवार के सदस्य भारतीय तीनो सेवाओं में पदस्थ होने के साथ - साथ सशस्त्र पुलिस बल एवं अर्ध सशस्त्र पुलिस बलो एवं सीमा सुरक्षा बलो तथा औद्योगिक सुरक्षा बलो में भी अपनी सेवायें दे रहे है। ग्राम के सबसे अधिक लोग एयर फोर्स में कार्यरत है। बैतूल जिले में स्थित बोडख़ी आमला एयर फोर्स स्टेशन की स्थापना के बाद जाग राष्ट्र प्रेम इन लोगो के बीच आज भी कायम है। गांव ने देश के लिए अपने सपूतो को भी समर्पित करके अपनी अलग पहचान बनाई है। सबसे चौकान्ने वाली बात यह है कि इस गांव के युवको के हौसले से दो कदम आगे निकल कर गांव की लड़कियां भी अब देश सेवा के लिए झांसी की रानी की तरह मैदान में कुद पड़ी है। फौजियों के गांव के रूप में पहचाने जाने वाले गांव के एक फौजी ने सेना सर्वोच्च पद प्राप्त करके गांव का ही नहीं बल्कि पूरे बैतूल जिले का नाम रोशन किया है। सेवानिवृत मेजर जनरल डाँ आर एन सूर्यवंशी ने एम बी ए , एम एम एस , एम एम सी , पी जी डी डब्लयू एण्ड इ , एल डी एम सी एवं एस आई डी एम सी का प्रशिक्षण सयुंक्त राष्ट्र संघ से  प्राप्त करने के बाद वे कई पदो एवं पदको से सम्मानित किये जा चुके है। डां सूर्यवंशी वर्तमान इन्दौर के पास महु में निवास कर रहे है। डां सूर्यवंशी को गर्व है कि आज उनकी जन्मभूमि ग्राम अंधारिया के युवक - युवतियां भी सेना में शामिल होकर अपनी अलग पहचान बना रहे है।
यूं तो अंधारिया ग्राम की आबादी लगभग तीन हजार है लेकिन गांव का एक भी ऐसा परिवार नहीं है जिसका अपना कोई देश की सेवा में कहीं न कहीं पदस्थ न होगा। ग्राम की आदिवासी महिला सरपंच श्रीमति सुशीला इंगले को अपने गांव पर गर्व है। कम पढ़ी लिखी इस महिला के भी परिजन देश सेवा में पदस्थ है। गांव की तीन लाड़ो सीमा सुरक्षा बल एवं सशस्त्र सुरक्षा में बल में पदस्थ है। वे जब भी अपनी वर्दी पहन कर गांव में आती है तो पूरा गांव उनके स्वागत सत्कार को दौड़ पड़ता है।  सबसे ज्यादा अति उत्साही गांव के शिक्षक है जो कि सीना तान कर कहते है कि उनके पढ़ाये बच्चे कहां - कहां पर पदस्थ है। बैतूल जिले का एक मात्र फौजियो का गांव अंधारिया पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाये हुयें है। बैतूल जिले के सेवा निर्वृत सैनिक एवं बैतूल विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक शिवप्रसाद राठौर कहते है कि बैतूल जिले का गुलाम भारत में आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है और इस समय भी आजाद भारत की सुरक्षा के लिए जिले के कई सपूतो ने अपने प्राणो को न्यौछावर कर दिया। श्री राठौर कहते है कि त्याग और सर्मपण का भाव केवल सैनिको में ही नहीं बल्कि पूरे देशवासियों में होना चाहिये।    

No comments:

Post a Comment