Thursday, January 27, 2011

बैतूल जिले में बड़े पैमाने पर हो रहा है अवैध खांड़सारी मिलो द्वारा कारोबार : खामोश है पूरे सरकारी विभाग , किसानो का हो रहा शोषण


बैतूल जिले में बड़े पैमाने पर हो रहा है अवैध खांड़सारी मिलो द्वारा कारोबार : खामोश है पूरे सरकारी विभाग , किसानो का हो रहा शोषण

बैतूल : प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के अधिनस्थ कार्यरत गुड़ उत्पादक विभाग एवं प्रदुषण विभाग की बिना अनुमति के एक नहीं पूरे 176 खांड़सारी एवं शक्कर की उत्पादक मिलो का अवैध कारोबार बैतूल जिले के आमला विकासखण्ड में धडल्ले से चल रहा है। बैतूल जिले की शासकीय एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति के गरीब किसानो से किराये पर ली गई जमीन पर उत्तर प्रदेश के एक मात्र बदायु जिले से आने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के करीब पौने दौ सौ लोगो द्वारा संचालित इन खांड़सारी मिलो में सारे नियमों को ताक में रख कर बड़े पैमाने पर अध कच्चा गुड़ का जिसे खांड़सारी अथवा राब भी कहते है का उत्पादन कर उत्तर प्रदेश , बिहार , पश्चिम बंगाल को भेजा जा रहा है। औसतन प्रतिदिन दस से बारह ट्रको से छिन्दवाड़ा होते हुये परिवहन किये जाने वाले ट्रक मालिको एवं विके्त्रा द्वारा कृषि उपज मंडी तथा सेल टैक्स विभाग को कोई शासकीय शुल्क चुकाया जाता है।  जहां एक ओर राजनैतिक संरक्षण में चल रहे है इन खांड़सारी मिलो के संचालको द्वारा समय - समय पर किसानो के साथ कथित धोखाधड़ी किये जाने के भी मामले प्रकाश में आ रहे है वही दुसरी ओर इनके द्वारा हर साल नये स्थान पर नए नाम के साथ अपनी मिलो को स्थापित भी किया जा रहा है ताकि किसानो में भ्रम की स्थिति बनी रहे। बीते वर्ष 2010 में छिन्दवाड़ा जिले के एक ही ग्राम चांद के सौ से अधिक किसानो के साथ धोखाधड़ी का मामला भी प्रकाश में आया है। चांद गांव के किसी शैलू पटेल के कथित संरक्षण में चल रही एक खांड़सारी मिल के संचालक द्वारा करीब 25 लाख रूपये का गन्ने का भुगतान किये बिना ही नौ दो ग्यारह हो जाने से किसानो के परिवारो को भूखे मरने की स्थिति आ गई थी। उक्त खांड़सारी मिल के संचालक द्वारा इस बार बैतूल जिले के आमला विकासखड़ के जम्बाड़ा ग्राम में अपनी मिलो को स्थान परिर्वतन कर लगाया गया है। बैतूल जिले में चार से छै माह तक अस्थायी रूप से लगने वाली इन अवैध खांड़सारी मिलो द्वारा पूरा काला कारोबार ग्राम एवं तहसील तथा जिले के कुछ तथाकथित स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियो , वकीलो , पत्रकारो , राजनैतिक दलो के नेताओं, तथा शासकीय विभागो के आला अफसरो के संरक्षण में चल रहे इस अवैध कारोबार के चलते किसानो द्वारा अपने गन्ने से न तो गुड़ का उत्पादन किया जा रहा है और न उत्पादन करवा कर गुड़ को मुलताई एवं बैतूल बाजार की गुड़ मंडिय़ो में लाकर बेचा जा रहा है। बड़े पैमाने पर दबाव डाल कर या तरह - तरह के लोभ लालच देकर किसानो का खेतो में लगा गन्ना अपने लोगो से कटवा कर अवैध रूप से परिवहन में लगे बिना नम्बरो के टैक्टर ट्रालियो से लाकर मिलो में पहुंचाया जा रहा है। सबसे चौकान्ने वाली बात तो यह है कि बैतूल जिले के अकेले आमला विकासखण्ड में पौने दो सौ अवैध खांड़सारी की मिलो में एक क्षेत्र विशेष के एक ही समुदाय के सैकड़ो लोग बोरदेही एवं आमला थाना में अपनी मुसाफिरी लिखवाये बिना ही रह रहे है। इन लोगो के पास अवैध रूप से हथियारो का जखीरा लोगो को डराने एवं धमकाने के अलावा अपने कारोबार की तथाकथित सुरक्षा के नाम पर एकत्र कर रखा है। अकसर कम दाम पर किसानो का गन्न अपनी - अपनी खांडसारी मिलो के लिए खरीदने के चलते इन लोगो के बीच गैंगवार की स्थिति भी अकसर बन जाती है। भाजपा शासन काल में प्राकृतिक आपदा के चलते किसानो की लगातार मौते के बीच किसानो का कम भाव में गुण्डागर्दी एवं डरा धमका कर खरीदे जाने वाले गन्ना एवं अवैध खांडसारी मिलो की जानाकारी राज्य एवं केन्द्र सरकार के बैतूल जिले के कार्यरत कृषि विभाग , कृषि उपज मंडियो , खाद्य विभाग विभाग , नापतौल विभाग , पुलिस विभाग , सेल टैक्स विभाग , इनकम टैक्स विभाग सहित पूरे सरकारी मोहकमे को रहने के बाद भी पूरा कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। अंतराज्यीय खांड़सारी , राब , शक्कर के परिवहन तथा व्यापार के बदले सभी को कुछ न कुछ इस अवैध काले कारोबार से मिलता है। बैतूल जिले के इस काले कारोबार में भारतीय लोगो की साझेदारी तो समझ में आती लेकिन अब तो इस कारोबार में अप्रवासी भारतीय भी कुद गये है। आमला - बोरदेही मार्ग पर चुटकी - खतेड़ा जोड़ में हाजी साहब नामक अप्रवासी भारतीय द्वारा पिछले तीन सालो से जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को जानकारी दिये बिना ही कारोबार बिना किसी रोक - टोक के संचालित किया जा रहा है। इस वर्ष हाजी साहब द्वारा अपने कारोबार को बरेली के किसी बड़े करोड़पति को बेच कर पुन: अपनी नई खांड़सारी मिल को स्थापित किया जा रहा है। नजूल की जमीन पर कथित लीज लेकर स्थापित खांड़सारी मिल के स्थापना के पूर्व गन्ना उत्पादक विभाग एवं प्रदुषण विभाग की अनुमति के बिना चल रही इस प्रकार की मिलो से जिले के किसानो के गन्ने का गुड़ नहीं बन पा रहा है।

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